हंदवारा की पूरी कहानी
कब तक वो हमारे लिए अपनी जान देते रहेंगे??
अब नहीं लगता की बहुत हुआ ??
अब आतंकवाद को ख़त्म करने के लिए सरकार को कुछ अलग और सख्त कदम उठाना चाहिए??
अब हम और जवान नहीं खो सकते उनके परिवार और अपने जवान नहीं खो सकते। अब बहुत हुआ
अब वक़्त आ गया है की आतंकवाद को हम पूरी तरह से खत्म कर दे।
3 मई 2020 सेना के तीनो अंग कोरोना योद्धाओ का शुक्रिया अदा करने वाले थे। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक सेना के लड़ाकू विमानों ने फ्लाई पास करना था। यह होने से पहले ही जम्मू कश्मीर से यह खबर आयी की हरद्वारा में हुए एनकाउंटर में 5 जवान शहीद हुए। इसमें से एक 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग अफसर भी है। कुछ देर बाद इनके नाम भी सार्वजानिक हुए। आशुतोष शर्मा(कर्नल),अनुज सूद( CO 21 राइफल्स मेजर), राजेश कुमार(नायक), दिनेश सिंह(लांस नायक), मुहम्मद सगीर काजी(सब इंस्पेक्टर जम्मू कश्मीर पुलिस)। यह हादसा 2 मई 2020 को हुआ और यह खबरे शनिवार को आ गयी थी की हंदवारा में एनकाउंटर चल रहा है। कर्नल समेत 5 सैनिक एक लंबी मुठभेड़ के बाद एक घर में फस गए है।
पूरी रात इंतजार में चली गयी और सुबह पता चला की पांचो शहीद हो गए। सेना में लीडिंग फ्रॉम द फ्रंट की परंपरा है इसका मतलब की नेतृत्व करने वाला सबसे आगे रहेगा। सेना की २१वी राष्ट्रीय राइफल के जवान और जम्मू कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप, CRPF के लोग हंदवारा में आतंकवादियों का पता लगाने के लिए तक़रीबन एक हफ्ते से सर्च ऑपरेशन चला रहे थे। ऑपरेशन सफल रहा था और आतंकवादियों का पता लग गया था। यह मौसम मशरुम इकट्ठा करने का है। आतंकवादियों के होने की आशंका जहा थी वह कई दल मशरुम इकट्ठा कर रहे थे। इसलिए तुरंत कार्यवाही नहीं कर सके।
1 मई की दोपहर को आतंकवादी जचल दरार राजवार के जंगल से भाग निकले। 2 मई को इन् लोगो के हंदवारा के छन्ज मुल्ला गांव में होने की खबर मिली। दोपहर तक 3:30 बजे मुठभेठ शुरू हुई। कुछ देर फायरिंग हुई और उसके बाद कर्नल आशुतोष और उनकी टीम उस घर की तरफ बढे जिसमे आतंकवादी छिपे थे। सेना की 15वि कौर की जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल PS RAJU ने कश्मीर के एक स्थानीय अख़बार को बताया की घर के अंदर से किसी ने मदद के लिए आवाज लगाई। इसके बाद सेना की टीम घर के अंदर गयी और एनकाउंटर फिर से शुरू हो गया। फायरिंग के बाद कुछ देर के लिए शान्ति छा गयी और इस शान्ति के बाद सेना का कर्नल आशुतोष की टीम के साथ संपर्क टूट गया। मदद के लिए एनकाउंटर की साइट पर पैरा के जवान पहुंचे तब तक अँधेरा हो चूका था। RAJU ने यह भी कहा की और कैसुअलिटी न हो इसके लिए रात को घर पर धावा नहीं बोला गया। सुबह होने पर आतंकवादियों और जवानो के शव मिले।
हिंदुस्तान टाइम्स अख़बार ने जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारी के हवाले से दावा किया की शाम 6 से 10 बजे तक संपर्क करने की कई बार कोशिश की गयी। 10 बजे के आसपास किसी ने कर्नल आशुतोष का फ़ोन रिसीव किया और दूसरी तरफ से आवाज़ आयी "अस्सलाम वालेकुम" कर्नल आशुतोष के फ़ोन पे इस जवाब का एक ही मतलब था। लेकिन RAJU के जिस बयान की बात हम कर रहे है उसके मुताबिक ऐसा नहीं हुआ था। सेना के प्रवक्ता कर्नल RAJESH ने अपने बयान में कहा की घर में कुछ आम लोगो को बंधक बनाया था। सेना की टीम उन् लोगो को छुड़ाने में कामयाब रही लेकिन आतंकवादियों की गोली बारी में टीम के 5 सदस्य शहीद हो गए और 2 आतंकवादी भी मारे गए। एक आतंकवादी पहचान पाकिस्तानी बतायी गयी है। दूसरे की पहचान की जा रही है .
हम क्यों कुछ नहीं कर पा रहे है रोज हमारे जवान मर रहे है जो हमे सुरक्षित रखते है, ये कब तक होता रहेगा कब तक वो मरते रहेंगे। कब तक हमारी सरकर और हम सिर्फउनकी मौत पर दो शब्द बोलते रहेंगे उनकी जान बहुत अनमोल है। हमारा भी उनके लिए कुछ फ़र्ज़ बनता है। की हम उनके लिए कुछ करे उनकी वजह से हम सुरक्षित है। अब बहुत हुआ अब हमारी सरकर को स्ट्रीक कदम उठाने चाहिए पाकिस्तान जैसे आतंकवादी देश को अब सबक सीखना जरुरी है ताकि वो फिर से घटिया हरकत करने की हिम्मत ना करे। अब हम उन्हें और नहीं मरने देंगे सरकार को आतंकवाद को जड़ से मिटाना होगा।