आँखों और स्किन के कलर समेत 4 और कारणों से भी फ़ैल सकता है कोरोना
पूरी दुनिया कोरोना से लड़ रही है। भारत में 05 मई 2020 तक 59 हज़ार से ज़्यादा मरीज़ हो चुके है, जो बहुत चिंता की बात है। आज एक और बुरी खबर आयी है।
कोरोना संक्रमण के नए खतरे सामने आये है जिनसे कोरोना का वायरस फ़ैल सकता है। अलग अलग रिसर्च में ये दावे किये जा रहे है की कोरोना वायरस आँख के जरिये और स्किन के रंग के जरिये, स्पर्म के जरिये और शहरो में मौजूद सीवर सिस्टम के जरिये भी फ़ैल सकता है।
आँखों के जारिए कोरोना हमारी बॉडी में जा सकता है, इसके अलावा स्पर्म के जरिये हमारे शरीर में कोरोना प्रवेश कर सकता है, वही जो लोग अश्वेत यानी जिनका रंग काला है उनको संक्रमण जल्दी फैलने का खतरा है।
वही सीवर सिस्टम जंहा है वहा भी संक्रमण का खतरा ज्यादा है।
यह और भी चिंता बढ़ाने वाली बात है की अब 4 नए खतरे सामने आये है। कोरोना के संक्रमण को सेक्सशुअली ट्रांसमीट बताया जा रहा है।
कोरोना का संक्रमण तेज़ी से फ़ैल रहा है अब चिन्ता और बढ़ रही है। अब इस लिहाज़ से भी तैयारी करनी पड़ेगी जिससे कोरोना को रोका जा सके।
अभी तक हम ये ही जान रहे थे की कोरोना संक्रमण मुँह और नाक के जरिये फ़ैल रहा है,अब ये चौकाने वाला खुलासा है की कोरोना आँखों के जरिये भी फ़ैल रहा है।
होन्ग कोंग यूनिवर्सिटी के मेडिकल स्कूल के रिसर्च में ये खुलासा हुआ है की आँखों के जरिये कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा 100 गुना ज़्यादा है। बहुत चिंता की ये बात है,रिसर्च में ये पाया गया की बर्ड फ़्लु और सारस की तुलना में आँखों से कोरोना ज़्यादा फैलता है।
अब तक हम नाक और मुँह ढक रहे थे लेकिन अब नई जानकारी सामने आने के बाद के आँखों से भी संक्रमण फ़ैल रहा है।
ब्रिटेन में एक ऐसी रिपोर्ट आयी जो कह रही है, की कोरोना से भारतीयों को ज्यादा खतरा है, इस रिपोर्ट के मुताबित गोरे लोगो से ज़्यादा काले रंग के लोगो में कोरोना फैलने का खतरा अधिक है।
पिछले 3 महीने में ब्रिटेन ने जो आंकड़े इकठे किये वो डराने वाले है, आंकड़ों के मुताबित अश्वेत पुरुषो की मौत की आशंका 4.2 गुना अधिक है। अश्वेत महिलाओ की मौत की आशंका 4.3गुना अधिक है।
बांग्लादेशी लोगो में पुरुषो की मौत की आशंका 3.6गुना ज़्यादा है।
पकिस्तान में पुरुषो की मौत की आशंका 3.6गुना ज़्यादा है।
भारतीय पुरुषो की मौत के आशंका 2.4 गुना ज़ायदा है। भारतीय महिलाओ की मौत की आशंका 2.7 गुना है।
ये आंकड़े इसलिए हैरान कर रहे है, क्योंकि दुनियाभर में कोरोना का पैटर्न इन आंकड़ों को सपोर्ट नहीं क्र रहा है, क्योंकि अश्वेत अफ्रीका की बजाय स्वेत यूरोप में कोरोना का ज्यादा कहर है। वही भारतीय उपमहाद्वीप से ज्यादा मौत ब्रिटेन में हुई है। रिपोर्ट में इसके पीछे पिछड़ापन और खराब स्वास्थ्य को जिमेदार माना गया है , कुपोषित खाना खाने से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे कोरोना का सामना करना मुश्किल हो जाता है।
क तो संक्रमण रुक नहीं रहा ऊपर से इस पर नए नए खुलासे हो रहे है।