मेडिकल टीम की सुरक्षा के लिये जारी किये अध्यादेश
यूनियन मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा "इस महामारी के समय में जो इस देश को बचाने में लगे है, जैसे डॉक्टर्स, नर्सेस,आशावर्कर्स ये सब लोग हमें बचाने का प्रयास कर रहे है। इन सब लोगो को दुर्भाग्य से अपने ही देश में हमलो का सामना करना पड़ा। और बहुत सी जगह उनके पडोसी ही सोचने लगे की ये संक्रमण के कैरियर्स है। ये दुर्भाग्यजनक पहलु है। तो इसलिए आरोग्यकर्मीयो के खिलाफ कोई हिंशा या हरेशमेंट अब बर्दाश्त नहीं होगी। और इसलिए उनको पूरा सरक्षण देने वाला अध्यादेश आज लागू करने का फैसला हुआ है। महामारी के संकट से झूझने वाले योद्धाओ को जंहा एक और देश उन्हें सलाम कर रहा है, वही कुछ लोग उन पर हमले कर रहे है। उन्हें संक्रमण फैलाने वाले समझ रहे है, अब ये सब नहीं चलेगा ये देखना समाज और सरकार का काम है। इसलिए जो महामारी कानून था (एपिडेमिक डिसीसेस एक्ट 1897)उस कानून में बदलाव करके आज ये अध्यादेश लागू किया गया है।
- स्वास्थ्यकर्मीयो पर हमला अब गैर-जमानती होगा।
- 30 दिन में जांच पूरी की जाएगी और एक साल में ही फैसला आएगा।
- 3 महीने से ले कर 5 साल तक की सजा का प्रावधान होगा और 50 हज़ार से 2 लाख रुपए तक जुर्माना भी देना होगा।
- स्वास्थयकर्मी पर ज्यादा गंम्भीर मामले में 6 महीने से 7 साल तक की सजा हो सकती है, 1 लाख से 5 लाख तक का प्रावधान अगर डॉक्टरों की वाहन जैसी सम्पति को कोई भी नुकशान हुआ तो आरोपी से ही दो गुना जुरमाना वसूला जायेगा।
ऐसे मुश्किल समय में ये डॉक्टर्स ही हमारे भगवान है और कोई नहीं है। ये डॉकटर्स ही अपनी जान खतरे में डालकर हमारी जान बचा रहे है, इनकी इज़्ज़त करे ना की इन पर हमला।