विटामिन- डी हमारी हेल्थ के लिए फायदेमंद है, विटामिन- डी मांसपेशीयो को भी मजबूत बनाता है।
विटामिन -डी की कमी से माँसपेसिया कमजोर होती है। दर्द, चिड़चिड़ापन, थकान, प्रतिरक्षा तंत्र और हार्ट की सेहत बिगड़ती है। एक शोध के अनुशार दुनिया में 70% लोग विटामिन-डी की कमी से जूझ रहे है।
विटामिन-डी की कमी के लक्ष्ण -
.बाल झड़ना
बाल झड़ने की प्रॉब्लम भी विटामिन-डी की कमी से होती है। लम्बे समय से शरीर में इसकी कमी से बालो की जड़े कमजोर हो जाती है, इस कारण बाल तेजी से झड़ने लगते है।
.आराम के बाद भी थकान
यदि पुरे दिन थकान रहती है और इससे ब्लड प्रेशर भी घटता है तो यह केवल विटामिन-डी की कमी हो सकती है। यदि भरपूर नींद और आराम के बाद भी थकान लग रही हो डॉक्टर के परामर्श से विटामिन-डी की जांच करा सकते है।
.शरीर में दर्द
विटामिन-डी की कमी से बॉडी में दर्द हो सकता है। शरीर और जोड़ो में दर्द रहता है, क्योंकि विटामिन-डी मांसपेशीयो को मजबूत बनाने का काम करता है।
.घाव देरी से भरना
हल्की चोट लगने पर भी घाव भरने में सामान्य से ज्यादा समय लगना, दर्द होना विटामिन-डी की कमी का संकेत हो सकता है।
हल्की धूप अच्छी
हलकी धूप से विटामिन-डी मिलता है। कैल्शियम इसे अवशोषित करने में मदद करता है।
सुबह की हल्की धूप अच्छी मानी जाती है।
विटामिन -डी के नेचुरल स्रोत
दूध, दही: विटामिन-डी के सबसे अच्छे स्रोत है। रात में एक ग्लास दूध जरूर पीएं। रोज एक कटोरी दही कैल्शियम की कमी दूर करता है।
मशरूम: मशरूम में विटामिन-डी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, इसमें विटामिन-डी के साथ विटामिन-बी भी मिलता है।
सूर्य की रोशनी:सुबह-सुबह और श्याम को घूप लेनी चाहिए, इससे विटामिन-डी मिलता है।
सूरजमुखी के बीज:सूरजमुखी के बीजो में विटामिन-डी ,प्रोटीन और फैट भी प्रचुर मात्रा में होते है।
संतरा: संतरे में भी विटामिन-डी होता है इसका रोज सेवन कर सकते है।